Tuesday 20 March 2018

इस्लामिक माह और त्यौहार

By Anuj beniwal
हिजरी या इस्लामी पंचांग को (अरबी- अत-तक्वीम-हिज़री; फारसी- ‎'तकवीम-ए-हिज़री-ये-क़मरी) जिसे हिजरी कालदर्शक भी कहते हैं।
islamic calander and fetival

 यह एक चंद्र कालदर्शक है, जो न सिर्फ मुस्लिम देशों में प्रयोग होता है बल्कि इसे पूरे विश्व के मुस्लिम भी इस्लामिक धार्मिक पर्वों को मनाने का सही समय जानने के लिए प्रयोग करते हैं।
यह चंद्र-कालदर्शक है, जिसमें वर्ष में बारह मास, एवं 354 या 355 दिवस होते हैं। क्योंकि यह सौर कालदर्शक से 11 दिवस छोटा है इसलिए इस्लामी धार्मिक तिथियाँ, जो कि इस कालदर्शक के अनुसार स्थिर तिथियों पर होतीं हैं, परंतु हर वर्ष पिछले सौर कालदर्शक से 11 दिन पीछे हो जाती हैं। इसे हिज्रा या हिज्री भी कहते हैं, क्योंकि इसका पहला वर्ष वह वर्ष है जिसमें कि हज़रत मुहम्मद की मक्का शहर से मदीना की ओर हिज्ऱत (प्रवास) हुई थी। हर वर्ष के साथ वर्ष संख्या के बाद में H जो हिज्र को संदर्भित करता है या AH (लैटिनः अन्नो हेजिरी (हिज्र के वर्ष में) लगाया जाता है। हिज्र से पहले के कुछ वर्ष (BH) का प्रयोग इस्लामिक इतिहास से संबंधित घटनाओं के संदर्भ मे किया जाता है। जैसे मुहम्म्द साहिब का जन्म लिए 53 BH।
वर्तमान हिज्री़ वर्ष है 1430 AH.

हिजरी केलेण्ड़र के माह

1 मुहर्रम,
 2 सफर,
3 रबी अल अव्वल,
4 रबी अल थानी,
5 जमाद अल अव्वल,
6 जमाद अल थानी, 
7 रज्जब, 
8 शआबान,
9 रमजान,
10 शव्वाल,
11 जु अल कादा और
12 जु अल इज्जा।

इस्लामिक त्यौहार

 मोहर्रम

           यह इस्लाम के हिजरी सन का पहला महीना है। इस महीने की 10 तारीख को यह त्यौहार शोक रूप में मनाया जाता है। इस दिन पैगंबर मोहम्मद साहब के नवासे हुसैन ने जुल्म और अन्याय के खिलाफ लड़ते हुए शहादत प्राप्त की, करबला के मैदान में।
           इस दिन ताजिए निकाले जाते हैं, जिन्हें करबला के मैदान में दफनाया जाता है।
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बारह बफात

           (ईद-उल मिलाद-उन-नबी) रबी अल अव्वल माह की 12 तारीख को पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। (सन 570 ईस्वी, मक्का, सऊदी अरब)
           इस दिन खीर और चावल गरीबों में बांटे जाते हैं।

मीठी ईद

           ईद शब्द का शाब्दिक अर्थ खुशी है। यह भाईचारे का त्योहार है। रमजान में 30 दिन रोजे रखने के बाद शुक्रिया के तौर पर शव्वाल माह की प्रथम तारीख को यह त्यौहार मनाया जाता है।

बकरा ईद

           (ईद-उल-जुहा) यह त्यौहार कुर्बानी का प्रतीक है। पैगंबर हजरत इब्राहिम द्वारा अपने पुत्र इस्माइल की अल्लाह को कुर्बानी देने की याद में जजु अल इज्जा महीने की दसवीं तारीख को मनाया जाता है।

शबेरात

            यह शव्वाल महीने की 14 तारीख को मनाया जाता है। इस दिन मोहम्मद साहब की आकाश में अल्लाह से मुलाकात हुई थी। इस दिन मुसलमान बंधु अपने भूलों और पापों की मुआफी के लिए खुदा से इबादत करते हैं।

चहल्लूम

           यह मोहर्रम के 40 दिन बाद सफर महीने की 20 तारीख को मनाया जाता है।

सब्र ए कद्र

           यह त्यौहार रमजान महीने की 27वीं तारीख को मनाया जाता है। इस दिन कुरान उद्धारा गया था।

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